Skip to content

Rishi Kapoor Death Astrology Reason Analysis

rishi kapoor death analysis
FREE HOROSCOPEGet 15+ Pages of FREE HOROSCOPE and DASHA PREDICTIONS (Mahadasha.com)

Click to the below link and share your Birth Details to get the Horoscope report from Mahadasha.com

HOW TO CALCULATE THE NEGATIVE PERIOD OF YOUR LIFE

With Rishi Kapoor Death Astrology and Analysis based on calculations of his horoscope…

क्या आप अपने अथवा अपने निकट सम्बन्धियों के जीवन-काल में आने वाले सम्भावित “अरिष्टकाल” अर्थात्‌ मृत्यु अथवा मृत्यु-तुल्य काल की गणना कर सकते हैं और वह भी मात्र कुछ सैकण्ड्स में। जी हॉ! ऐसा सम्भव है।

वस्तुत: फलित-ज्योतिष पूर्णतया गणितीय सूत्रों पर आधारित है। गणितीय फलित-ज्योतिष के सूत्र-उपसूत्रों के व्यवहारिक प्रयोग द्वारा आप अचूक एवं सार्थक भविष्य कथन कह सकते है।

जो कुछ भी घट चुका है उसे येन-केन प्रकारेण सिद्ध करने के लिए आपके पास अपने-अपने सूत्र-उपसूत्र हो सकते हैं – होते हैं किन्तु क्या आप घटना के घटित होने से पूर्व ही कोइ भविष्यवाणी कर सकते है? जी हॉ! ऐसा सम्भव है। कदाचित भारतीय ज्योतिष का वर्चस्व कुछ ऐसी ही सटीक भविष्यवाणियों के कारण ही सर्वस्व/सर्वत्र व्याप्त रहा है।

rishi kapoor death
Bollywood Actor Rishi Kapoor

दिनांक 30 अप्रैल 2020 को चिरपरिचित अभिनेता ऋषिकपूर (RISHI KAPOOR) का निधन हुआ है। क्‍या इस घटना का पूर्व अनुमान सम्भव था? अवश्य ही ऐसा सम्भव था और सम्भव है। आज के सत्र मे हम उनकी भमृत्यु” एवं उनकी जन्म-कृण्डली संरचना के मध्य स्थापित अंर्तसम्बन्धों के समीकरण पर चर्चा करेगें |

निश्चय ही ऐसी गणनाएं एवं फलित कथन इससे पूर्व भी कहीं न कहीं कहे गए होंगे किन्तु आम आदमी की भाषा में ‘मृत्यु-सूत्र” पर कदाचित प्रथम बार चर्चा हो रही है। इसे आप गम्भीरता पूर्वक श्रवण करे, देखे और समझे | तत्पश्चात आप भी कुछ जन्मकृण्डलियों पर यह प्रयोग करे / परीक्षण करे। यकीनन धीरे-धीरे आप भी इस विषय में प्रवीणता प्राप्त कर लेगें। वस्तुतः यह प्रक्रिया अर्थात अरिष्ट-काल की गणना का सूत्र बहुत ही सरल और सहज है। आडम्बर और पाखंड के वर्तमान युग में एक ऐसी नवन्क्रान्ति का सूत्रपात होने जा रहा है जो भारतीय ज्योतिष को पुर्नस्थापित करने में महत्ती भूमिका निभा सकता है। क्या आप हमारे साथ इस अनुभूत सूत्र-प्रक्रिया के पथ पर उतरना चाहेगें |

मात्र एक प्रयोग कीजिए । सकारात्मक परिणाम-प्राप्ति स्वतः आपको मूल भारतीय ज्योतिष से जोड़ देगी। ऐसा करके ही हम प्रचलित भ्रामक एवं निरर्थक तथाकथित ज्योतिष एवं ज्योतिष-बाबाओं के भ्रामक जाल से स्वयं को, समाज को मुक्त कर सकते है» जाग्रत कर सकते है। क्या आप इस प्रयोग को करना चाहेगें -देखते रहने के लिए आप हमारी वेबसाइट को आज ही SUBSCRIBE करे

Learn the art of simple and systematic prediction

By PAWAN CHANDRA

 Present subject-

Death or death-like circumstances

Example chart in discussion——

Bollywood actor RISHI KAPOOR

Just died unexpectedly on 30 April 2020

Rishi Kapoor Death Astrology Reason Analysis 1

And many more examples

Ex-prime-minister of India Smt. INDRA GANDHI

Rishi Kapoor Death Astrology Reason Analysis 2

Ex-prime-minister of India

Shri RAJIV GANDHI

Rishi Kapoor Death Astrology Reason Analysis 3

लोकडाउन के दौर में आम आदमी अपने घर की चाहरदीवारी में सिमट कर रह गया है। शासन-प्रशासन

के अधिकारी, लोगों को घर की चाहरदीवारी में ही रहते हुए आनलाईन कार्य करने की आग्रह कर रहे हैं।

विशेषत: आई-टी क्षेत्र में कार्यरत बुद्धिजीवि इसी प्रक्रिया को अपना रहे है। कदाचित भविष्य में कुछ ऐसी

ही कार्य प्रणली अपनायी जाएगी किन्तु आनलाईन कन्सेष्ट नामक इस आधुनिक कार्य प्रणाली में ज्योतिष-क्षेत्र में सक्रिय लोग कुछ ज्यादा ही उत्साहित हो रहे है। 

आनन-फानन में सैकड़ों-हजारों की संख्या में आनलाईन ज्योतिष पाठशालाओं का उद्धव हो गया है। इनमें से अधिकांश व्यवसायी प्रकृति के है जो मानवीय संवेदनाओं को अपने शब्द-जाल में लपेटने में कार्यरत है | 

सत्य लेकिन ऐसे प्रपंचो से बहुत दूर है। वस्तुत: ज्योतिष फलित के क्षेत्र में तरह-तरह के तक॑हीन पाठयक्रम अर्थात कोर्सेस प्रारम्भ हो रहे है। कुछ टोटको, उपाय आदि को अपने कोर्सेस का आधार बना, रहे है तो कुछ अन्य नाड़ी-ज्योतिष के नाम पर अपने व्यवसाय की आधारशिला रख रहे है यह अलग बात है कि इन लोगों का नाड़ी ज्योतिष नामक अवाचीन फलित पद्धति की परिभाषा तक का कोई ज्ञान नहीं है। वस्तुतः ज्योतिष फलित पूर्णतया गणितीय सूत्रों पर आधारित है। 

कुछ स्वयंभू व्यवसायिक ज्योतिषी नवांश “कुण्डली के आधार पर फलित समझने-समझाने का दम भरते है किन्तु नवांश आधारित फलित सूत्रों से इनका दूर-दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं है। वर्ष 2020 से पूर्व कुछ चुनिन्दा विद्वानों ने ही इस सूत्रावली पर कार्य किया है और उनमें से सर्वापरि है विद्वान सी. एस. पटेल जिन्होंने अपने सम्पूर्ण जीवन को ‘नाड़ी-सूत्रों’ की पुर्नस्थापना के यज्ञ में स्वाहा कर दिया है। उनसे हमारा परिचय मात्र उनके शोध-पत्रों के अध्ययन-अध्यापन तक ही सीमित रहा है हमने ‘”एकलव्य की भांति उनके निर्देशों अथवा सांकेतिक सूत्रों पर आधारित बालीबुड अभिनेता शोध कार्य की निरन्तरता को अक्षत रखा है। भावना अथवा आकांक्षा मात्र इनकी है कि भारतीय ज्योतिष की पुर्नस्थापना हो |

“सप्तऋषि एस्ट्रोलोजी” नामक एक संस्था हैं जिसमें ज्योतिष अध्ययन मनन एवं मंथन का कार्य किया जाता है। इन्होंने श्री सी.एस. पटेल जी के योगदान को हृदय से स्वीकारते हुए इन्हे यथोचित सम्मान दिया है। कदाचित इनकी समाचार पत्रिका में एक सम्पादकीय लेख दिया गया है जिसका सम्पादन आशुतोष कमार ने किया है। श्री सी.एस. पटेल के साथ-साथ अपने सम्पादकीय में उन्होंने ‘पवनचन्द्रा’ का भी उल्लेख किया है। उस भावनात्मक प्रस्तुति की एक झलक आपके साक्षात्कार हेतु यहां दी जा रही है-

Rishi Kapoor Death Astrology Reason Analysis 4

इसी क्रम में एक सूत्र है जिसका आधार नवांश चक्रम है। राशि-नवांश आदि से सम्बंधित मूल ज्ञानार्थ हेतु आप हमारे बेसिक कोर्स नामक सत्र अथवा ऐपिसोड को देख सकते है। आज की चर्चा में हम प्रत्यक्षतटः नवांश सूत्रावली के सागर से मात्र एक सूत्र को यहां लेते हुए मानवीय जीवन में सम्भावित अरिष्ट के आकलन की विधि को समझना चाहेगें। 

इस विशिष्ट सूत्र को “64 वां नवांश एवं अरिष्ट काल की गणना” नामक संज्ञा दी गयी है।

एक राशि में नौ नवांश होते है 

30°(एक राशि) /9 = 3°20 = एक नवांश 

स्वाभाविक है कि 63 नवांश की पूर्णता का अर्थ हुआ –  

3°20’ x 63 = 210° अंश 

अर्थात लग्न भाव से सात भावों की पूर्णता (210°/30°= 7) राशियाँ

स्वाभाविक है कि 64 वां नवांश की परिधि में निम्न भोगांश-चाप आएगी-

210° से 240° के मध्य 

Rishi Kapoor Death Horoscope Analysis

उदाहरण हेतु अभी हाल ही में निर्वाण पथ पर अग्रसर हुए चिर परिचित

बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर की जन्म कण्डली को लीजिए –

rishi kapoor death horoscope analysis

जन्म तिथि — 04 सितम्बर 1952   जन्म स्थान – मुम्बई    

जन्म समय – 23:10 घंटे                   इनका जन्म वृषभ लग्न में हुआ।

दिए गए लग्न भोगांश – वृषभ 7°57′, 37.57’’ (दिए गए जन्म समय पर आधारित) 

हमारे मत अनुसार ऋषिकपूर की जन्म क॒ण्डली के संशोधित लग्न भोगांश है-

38″58’20” अथवा वृषभ 8″58’20”

जन्म समय (गणितीय संशोधन प्रणाली) पर हमारी एक पुस्तक “समय” वर्ष 2005 में प्रकाशित हो चुकी है जिसे लोकप्रिय “कुण्डली” साफ्टवेयर के प्रकाशक एवं वितरक श्री कमलदेव जी की संस्था कम्प्यूटर जोन ने भारतीय बाजार में लॉच किया। इसका संशोधित संस्करण शीघ्र ही SPS COMPUTER ZONE द्वारा प्रकाशित होगा। आगे की चर्चा से पूर्व हम उनकी (ऋषिकपूर) जन्मकुण्डली एवं ग्रह-नक्षत्र स्थिति का यहाँ चित्रांकन करना चाहेंगे-

दिए गए लग्न भोगांश (अथवा संशोधित लग्न भोगांश) को लीजिए तथा 

इसमें 210? अंश का योग कीजिए

38°58°20″’…

अथवा वृषभ 08°58’20’’

+210°

246° 58’ 20’’

अथवा धनु (Sagittarius) 08°58°20”’

Rishi Kapoor Death Astrology Reason Analysis 5

सारांशतः ऋषिकपूर की जन्म कुण्डली में 64वें नवांश की भोगांश परिधि है-

248° 58’ 20”’

अथवा धनु 08° 58’ 20’’ (मूल नक्षत्र तथा नक्षत्र स्वामी है-“कंतु ग्रह”)

मानवीय जीवन में सम्भावित अरिष्ट के आकलन में यह 64वां नवांश भोगांश परिधि एक महत्वपूर्ण घटक की भूमिका निभाती है। दिनांक 30 अप्रैल 2020 पर ग्रह स्थिति के चित्रांकन का आकलन करे –

Rishi Kapoor Death Astrology Reason Analysis 6

उक्त गोचर कुण्डली में (दिनांक 30 अप्रैल 2020) 

केतु ग्रह ही भोगांश स्थिति देखे-

धनु – 7°50

वृष लग्न की इस कुण्डली में लग्न भोगांश हैं – 8°58’20”

वृष लग्न में अष्टम भाव में धनु राशि सक्रिय होती है। जो भी लग्न भोगांश होंगे धनु राशि (अष्टम भाव) में उन्ही भोगांश चाप पर 64वां नवांश सक्रिय होगा। आप स्वयं देखिए-

rishi kapoor death horoscope analysis

वृष लग्न में अष्टम भाव में धनु राशि सक्रिय होती है।

जो भी लग्न भोगांश होंगे ( वृष राशि 08°5 820”)

अष्टम भाव (धनु राशि) में उन्ही भोगांश चाप पर 08″58/20”( धनु राशि 08″58”20”) 64वां नवांश सक्रिय होगा।

आप स्वयं देखिए-

दिनांक 30 अप्रैल 2020 को, गोचरस्थ केतु की भोगांशात्मक स्थिति ( धनु राशि 07755”20/)

स्पष्टत: अष्टम भाव में सक्रिय 64वें नवांश की संवेदनशील भोगांशात्मक चाप ( धनु राशि 08″58’20”) को पूर्णरूपेण प्रभावित कर रही हैंसूत्र अनुसार लग्न भाव सें 64वें नवांश क्षेत्र में जब एक अरिष्टकारक ग्रह विचरण करता है तो सम्बन्धित जातक के जीवन में अरिष्टकारक परिस्थितियां सक्रिय होती है और यह सक्रियता मूलतः मानवीय भौतिक देह /शरीर को अपनी लपेट में लेती है।

विशिष्ट संकेत-

  • आवश्यक नहीं कि वह जातक ही स्वयं निर्वाण अवस्था को प्राप्त होता है, उसके निकटतम

  सम्पर्क के लोग भी इस अरिष्ट के प्रभाव में आ सकते है-

  • सम्बन्धित जातक ही निर्वाण प्राप्त करता है अथवा सम्बन्धित निकटवर्ती परिचित यथा माता, पिता, भाई, बहन आदि — इसक आकलन हेतु कुछ अन्य सूत्र है जिन्हें अन्य उदाहणों के माध्यम से समझने-समझाने का प्रयत्न करेगें। आप हमारा यह ऐपिसोड देखते रहे-

ऋषिकपूर, अपने जीवन के 68वें वर्ष में निर्वाण को प्राप्त हुए | स्वाभाविक है इन 60.68 वर्षो की  वधि में शनि ग्रह अपनी दो आवृतियां पूर्ण कर चुका है एवं इस पूर्णता की प्रक्रिया-अवधि में वह दो-बार उक्त 64वें नवांश की परिधि से भी गुजरा होगा।

क्रमश: राहु तथा केतु ग्रह 18 वर्षों में अपना भचक्र भ्रमण पूर्ण करते है अर्थात 67.6555 वर्षों में लगभग चार (3.758641) आवृतियां अपनी पूर्णता को प्राप्त कर चुकी है तो वर्ष 2020 वाली अवृति में ही यह घटना किस कारण घटी |

स्मरण रहे अष्टम भाव आपकी मृत्यु का नही वरन आयु का भाव है। जब कभी भी ffs योग आदि के कारण आपका आयु भाव प्रभावित होता हैं तो स्वाभाविक है कि आपकी आयु प्रभावित होती है। कौन सी आवृति तथा किस ग्रह की आवृति एवं सम्बन्धित अन्य घटक यथा दशा–अंर्तदशा आदि में ही यह घटना घटेगी? इन सूत्रों पर हमारी चर्चा अनवरत जारी रहेगी। यदि आप हमारी प्रस्तुति से सहमत है तो देखते रहें हमारे इस ऐपिसोड को क्योंकि आधा-अधूरा ज्ञान विष समान होता है। उदाहरण हेतु वृषभ लग्न वाले सभी जातक केतु ग्रह की वर्तमान गोचरस्थ अवस्था से आंशकित हो सकते है।

ऐसी ही आशंकाओं के निवारण हेतु आप को हमारे इस ऐपिसोड के साथ बने रहना होगा।

पवन चन्द्रा

संस्थापक पषडाष्टक

ज्योतिष अध्ययन, शोध एवं साफ्टवेयर डेवलपमेंट संस्था

Rishi Kapoor Death Astrology Reason Analysis 7
FREE HOROSCOPEGet 15+ Pages of FREE HOROSCOPE and DASHA PREDICTIONS (Mahadasha.com)

Click to the below link and share your Birth Details to get the Horoscope report from Mahadasha.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Maha Dasha

Maha Dasha

Mahadasha.com and the team have been researching Vedic astrology and Nadi Shastra. With our research, our team Astrologer has also written many books like Vivaha, Samay, Phalit Sutram, and many more. After long research, Mahadasha.com Astrologers has also developed a revolutionary formula for calculating the probable DATE OF MARRIAGE of any individual from his Birth Details. Our research on Birth Time Rectification can rectify the Time of Birth to fractions of a second. Vivaha Sutram & Samay Sutram, are based on this research.

Don`t copy text!